गुरु वाक्यम् एपिसोड 974 : रोग ठीक करना आपके हाथ में है।
मनुष्य अनजाने में ही अपने शरीर में बिमारी उत्पन्न करता है। प्रत्येक बिमारी मनुष्य की भावनात्मक स्थितिऔर शारीरिक स्थिति के सामंजस्य से उत्पन्न होती हैं, यही इसका मूल कारण है। कोई भी मन का विकार, यानि बुरे विचार, गलत धारणाएं (negative beliefs), दुःख या शोक आदि शरीर में कहीं ना कहीं अपना स्थान बना लेते हैं और अंततः बीमारी का रूप ले लेते हैं। जब मनुष्य देव -भाव में स्थित होता है और नियमित साधना कर अपनी ऊर्जा बढ़ाता है, तो हर रोग को स्वयं ठीक करने की क्षमता भी उसमें जागृत होती है।
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